1000+ संत कबीर के दोहे अर्थ सहित PDF Dowload | Kabir ke dohe in Hindi PDF Download | Kabir ke dohe in Hindi PDF Free Download

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Kabir ke dohe in Hindi PDF Download

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साथियों इस pdf में कबीर के दोहे हिंदी अर्थ सहित दिए गए हैं यानी कि दोनों के साथ में उनका अर्थ भी बताया गया है इसके साथ हमने बताया है कि संत कबीर दास कौन थे और जीवनकाल क्या रहा है और कुछ दोहे भी हमने लिख कर दिए हैं आपने पढ़ सकते हैं इसके बाद नीचे दिए गए download बटन पर click करके आप pdf डाउनलोड कर सकते हैं।

Kabir ke dohe in Hindi PDF Download Owerview

PDF Name: 1000+ Kabir ke dohe in Hindi

Language: Hindi

Total Page: 119

Size: 1.15 MB

Category: Religion & Spirituality

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जीवन काल: संत कबीर दास कौन थे?

कबीरदास (Kabir Das) 15वीं और 16वीं सदी के एक भारतीय संत, कवि और समाजसेवी थे। वह एक संत कवि के रूप में प्रसिद्ध हुआ और अपनी उत्कृष्ट रचनाओं के लिए जाना जाता है। उनकी कविताओं में सामाजिक, धार्मिक और दार्शनिक संदेश थे।

कबीरदास का जन्म 1398 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। उन्होंने इस्लामी धर्म का पालन किया और उनके माता-पिता मुस्लिम थे। किंतु कबीरदास की कविताओं और उनके भक्तिभाव में हिंदू और सुफ़ी धर्म की भावना दिखाई देती है। वे धार्मिक बैठकों को पसंद नहीं करते थे और इस्लाम और हिन्दू धर्म के सामाजिक और धार्मिक पाठ्यक्रमों से अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने की कोशिश की।

कबीरदास ने कई कविताएँ लिखीं, जिनमें उन्होंने ईश्वर, जीवन, सत्यता और भक्ति के विषयों पर गहराई से सोचा। उनकी कविताओं की भाषा आम लोगों के लिए सहज है। कबीरदास की कविताएँ आज भी बहुत लोकप्रिय हैं और उनका योगदान भारत की संस्कृति और साहित्य में महत्वपूर्ण माना जाता है।

कबीरदास के जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी है, और उनकी जीवनी कहानी में बहुत कुछ अस्पष्ट है। माना जाता है कि वे एक काश्यप ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे और बचपन में बहुत से दुःख भोगते थे। रामानंद नामक एक संत से वे गुरुभक्ति प्राप्त करते थे। कबीरदास ने गहरा आध्यात्मिक ज्ञान हासिल किया और अपने गुरु के अनुयाय बन गए।

कबीरदास की मृत्यु का भी पता नहीं है, लेकिन 1518 ईस्वी में उनका निधन माना जाता है। मगहर धाम, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में उनकी समाधि है।

Kabir das dohe in Hindi with Meaning (संत कबीर के दोहे अर्थ सहित)

यहाँ आपके लिए संत कबीर दास के 10+ प्रसिद्ध दोहे दिए गए हैं, साथ ही उनके हिंदी अर्थ भी सम्मिलित किए गए हैं, कबीर के दोहे अर्थ सहित pdf download कर सकते हैं: 

"माटी की मूरत मानूँ, मनी न तोहि मति धराय। 

काया वाचा मन सब पाचा, मुख से कहाँ अवगाय॥"

अर्थ: मैं माटी की मूरत को ही ईश्वर मानता हूँ, तुम जो धर्म को तत्वों में ढालते हो। शरीर, वचन और मन सभी दिशा में पाचातात्मक हैं, इसलिए मुँह से कहाँ से छिपा सकते हो?


"साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभां। 

सार समग्री, सो नीवे, रसभरी अंतरि जां॥"

अर्थ: साधु ऐसा होना चाहिए जैसा अच्छा सूप होता है, जिसमें सभी सामग्री मिश्रित होती है और जिसके अंदर रस भरा होता है।

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"बुरा जो देखन मैं चला, बुरा ना मिलिया कोय। 

जो मन खोजा अपना, तो मुझसे बुरा ना कोय॥"

अर्थ: जब मैं बुराई को देखने के लिए निकला, तो कोई बुराई नहीं मिली। लेकिन जब मैंने अपने मन की खोज की, तो मुझसे बदतर कोई नहीं मिला।


"पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय। 

ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय॥"

अर्थ: दुनिया के लोग बहुत किताबें पढ़ कर मर जाते हैं, लेकिन कोई पंडित नहीं बनता। प्रेम के ढाई अक्षरों को पढ़ने वाला ही पंडित हो जाता है।

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"बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर। 

पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर॥"

अर्थ: बड़ा होने से क्या हो गया, जैसे खजूर का पेड़। इस पंथी के लिए छाया नहीं है और फल बहुत दूर लगता है।


"गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। 

बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय॥"


अर्थ: गुरु और भगवान दोनों खड़े हैं, किसके पैरों की धूल को छूनूं? मैं गुरु को बलिदान करता हूँ, क्योंकि उन्होंने मुझे भगवान की पहचान बताई।

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"चाहे बड़ा होवे जमाना, चाहे सूरज निकलें बिन। 

माया को छोड़ दे बंदी, चाहे गगन उचरें बिन॥"

अर्थ: चाहे समयमुझे क्षमा करें, मैं आपके सवाल को संदर्भ और हिंदी भाषा में अनुरूप तरीके से उत्तर देने की कोशिश करूँगा।


"जो तू कहें नहीं कोयी, जो कोयी तू न कहिये। 

सुन्या समाधान गहरा, कहते कबीर न जाये॥"

अर्थ: जो तू कहता है वह कोई नहीं सुनता, और जो कोई तू कहता है उसे तू नहीं मानता। सच्चा समाधान गहरा होता है, कबीर कहते हैं कि यह विचार नहीं समझने के लिए है।

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"संसार रूपी मधु के बीच, जो गुद घी न तेरा। 

मखन जैसे द्वितीय रूप, तू चाहत जग खानेरा॥"

अर्थ: जो तेरा नहीं है, वह तेरे लिए मधु के समान है, और जो मखन की तरह दूसरा रूप है, तू चाहता है कि जगत उसे खाए।


“दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करैं न कोय।

जो सुख में सुमिरन करें, दुख काटे उस कोय॥”

अर्थ: कबीर के सबसे प्रसिद्ध दोहों में से एक, चाहे बुरा हो या अच्छा, हर समय ईश्वर के प्रति सचेत रहने का महत्व बताता है। कबीर कहते हैं कि जो लोग खुशी के समय भगवान को याद करते हैं, वे बुराई के समय उसे सहने के लिए अधिक तैयार होंगे।

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“ज्यों पानी सिंचे बैठे, त्यों ही फल होय।

हरि नाम सिंचे मन को, फिर उगें शोभा दोय॥“

अर्थ: कबीर का दूसरा प्रसिद्ध दोहा पानी से पेड़ों को मिलने वाले पोषण से भगवान का नाम आत्मा को मिलने वाले पोषण की तुलना करता है। वह कहते हैं कि जैसे पेड़ पानी के बिना नहीं चल सकते, आत्मा भी भगवान के नाम के बिना नहीं चल सकती।

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“दुखी दोषी जग को, सुखी सब संसार।

संसार में नहीं कोई, नहीं कोई आपार॥“

अर्थ: कबीर का एक और प्रसिद्ध दोहा दुनिया की सीमाओं और खामियों पर प्रकाश डालता है। कबीर कहते हैं कि दिखावे के बावजूद, हर व्यक्ति किसी न किसी तरह से गलत है और उसे पूर्ण या अनंत नहीं माना जा सकता है। यह संदेश आज की दुनिया में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां लोग अक्सर पूर्णता के लिए प्रयास करते हैं और दूसरों से खुद की तुलना करते हैं, जिससे असंतोष और अपर्याप्तता की भावना पैदा होती है।

कबीरदास के अद्वितीय विचार और ज्ञान को ये दोहे व्यक्त करते हैं। उनके दोहों में भक्ति, सत्यता, आत्म-ज्ञान और संसारिक प्रश्नों पर चर्चा हुई है। इन दोहों के माध्यम से कबीरदास ने लोगों को शिक्षा दी और विचार करने को प्रेरित किया।

Kabir ke dohe in Hindi PDF Free Download

Kabir की कविता का भारतीय संस्कृति और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को प्रेरित करती रही है। आध्यात्मिकता, नैतिकता और सामाजिक न्याय के उनके संदेश आज भी लोगों के बीच गूंजते रहते हैं। कबीर के दोहों की PDF को फ्री में download करने के लिए दिए गए downlod बटन पर click करके आप कबीर दास जी के 1000 से भी ज्यादा दोहे हिंदी अर्थ सहित pdf download कर सकते हैं। कबीर के दोहे हिन्दी अर्थ सहित Pdf Download.

तो आशा करते हैं कि अब आपको संत कबीर के दोहे pdf मिल गई होगी और आपने Kabir ke dohe in Hindi PDF Download भी कर ली होगी अगर आपको और दोहे या फिर और कोई pdf  चाहिए तो आप इस website पर सर्च कर सकते हैं या फिर आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।

FAQs kabir ke dohe in hindi pdf free download 

Q: क्या कबीर दास के दोहे में से कुछ महत्वपूर्ण संदेश हैं?
हाँ, कबीर दास के दोहों में से कुछ महत्वपूर्ण संदेश हैं जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। वे आध्यात्मिकता, नैतिकता, संबंध और समाज से संबंधित होते हैं।

Q: क्या कबीर दास के दोहे आज भी महत्वपूर्ण हैं?
हाँ, कबीर दास के दोहे आज भी महत्वपूर्ण हैं। उनके दोहे हमें जीवन के अनुभवों से सीखने का रास्ता देते हैं और हमें एक बेहतर व्यक्तित्व बनाने में मदद करते हैं।

Q: क्या हम कबीर दास के दोहों की मुफ्त पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं?
हाँ, आप कबीर दास के दोहों की मुफ्त पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं। कई वेबसाइट पर ये पीडीएफ उपलब्ध हैं जो आसानी से डाउनलोड किए जा सकते हैं।

Q: क्या कबीर दास के दोहों को अंग्रेजी में भी उपलब्ध किया गया है ?
हाँ, कबीर दास के दोहे अंग्रेजी में भी उपलब्ध हैं। वे अनुवादित और प्रकाशित किए गए हैं


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